शेर सिंह राणा उर्फ़ पंकज सिंह (जन्म:17 मई 1976) डकैत से सांसद बनी फूलन देवी की हत्या की थी। शेर सिंह राणा का जन्म 17 मई 1976 को उत्तराखंड के रुड़की में हुआ था।
25 जुलाई 2001 को दिल्ली स्थित सरकारी आवास के सामने फूलन देवी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस घटना के दो दिन बाद आरोपी शेर सिंह राणा ने देहरादून में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और हत्या में शामिल होने की बाद स्वीकार कर ली। इस हत्या को अंजाम देने का जो कारण सामने आया वह चौंकाने वाला था। पुलिस के अनुसार राणा ने बहमई हत्याकांड में मारे गए 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लेने के लिए फूलन देवी की हत्या की।
अपने फरारी के दिनों के बारे में राणा ने जो खुलासा किया वह आश्चर्यजनक था। राणा ने दावा किया कि अफगानिस्तान के गजनी इलाके में हिन्दूसम्राट पृथ्वीराज चौहान की रखी अस्थियों के अपमान की जानकारी मिलने को लेकर वह बेहद दुखी थे और उन्होने उसे वापस लाने की ठानी। फरारी के बाद उन्होने सबसे पहले रांची से फर्जी पासपोर्ट बनवाया। नेपाल, बांग्लादेश, दुबई होते हुए अफगानिस्तान पहुंचे। जान जोखिम में डालते 2005 में वह अस्थियां लेकर भारत आये। राणा ने पूरे घटनाक्रम की वीडियो भी बनाई। ताकि वह अपनी बात को प्रमाणित कर सके। बाद में राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां रखी गई।
फूलन देवी की हत्या
25 जुलाई 2001 को दिल्ली स्थित सरकारी आवास के सामने फूलन देवी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। इस घटना के दो दिन बाद आरोपी शेर सिंह राणा ने देहरादून में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और हत्या में शामिल होने की बाद स्वीकार कर ली। इस हत्या को अंजाम देने का जो कारण सामने आया वह चौंकाने वाला था। पुलिस के अनुसार राणा ने बहमई हत्याकांड में मारे गए 22 ठाकुरों की हत्या का बदला लेने के लिए फूलन देवी की हत्या की।
जेल से फरार
लगभग तीन साल बाद 17 फ़रवरी 2004 को राणा फिल्मी अंदाज में तिहाड़ जेल से फरार हो गये। तिहाड़ जैसी अतिसुरक्षित जेल से किसी कैदी का फरार हो जाना अपने आप में बड़ी बात थी। इसलिए राणा एकाएक फिर सुर्खियों में आ गये। लेकिन 17 मई 2006 को राणा को एक बार फिर कोलकाता के एक गेस्ट हाउस से गिरफ्तार कर लिया गया।अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ लाये
2012 विधानसभा चुनाव
शेर सिंह राणा ने 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गये। वह पांचवें नंबर पर आये थे। यह चुनाव क्षेत्र जातीय समीरकरण के हिसाब से ठाकुर बाहुल्य है।
राणा पर फिल्म
"एंड ऑफ़ बैंडिट क्वीन" नामक फिल्म शेर सिंह राणा के जीवन पर आधारित हैं, जिसमे शेर सिंह राणा का किरदार अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्धिकी ने निभाया हैं।
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