जिला राजपूत समाज संगठन मंदसौर
कार्यक्रम
कार्यक्रम आपके लिये
सभी सम्मानित सदस्यों को कार्यकारिणी के नित्य प्रतिदिन के दैनिक कार्यो के अवसर पर सूचना देकर उन्हें बार बार बुलाना न तो व्यवहारिक है और न ही संभव है। इसलिये सम्मानित सदस्यों के लिये छः कार्यक्रम संगठन प्रतिवर्ष आयोजित करता है। दो मुख्य कार्यक्रम होते है। हेाली मिलन समारोह समाज का निजी कार्यक्रम होता हैं जिनमें किसी अतिथि को नही बुलाते हैं ओर न ही स्वागत सत्कार की परंपरा रखी गई है। जबकि प्रताप जयंति का कार्यक्रम सार्वजनिक रुप से किया जाता है इसलिये इस कार्यक्रम में अतिथि के साथ-साथ अन्य समाजजन को भी आमंत्रित किया जाता है।
1 साधारण सभा:-
वर्ष में एक बार होली मिलन समारोह के अवसर पर साधाारण सभा बुलाई जाती है।जिसमें वर्ष भर कार्यकारिणी द्वारा किये गये कार्यो का लेखा-जोखा एवं आय-व्यय का हिसाब प्रस्तुत किया जाता है। अगले वर्ष की क्या योजना है वह भी सदस्यों के सामने रखी जाती हैं। सदस्यों का सुझाव व विचार रखने का अवसर प्रदान करते हुए अगले वर्ष साधारण सभा में तय किये गये कार्यक्रम अनुसार पूरे करने का प्रयास किये जाते है।पिछले वर्षों का यह अनुभव रहा है कि ज्यादातर सदस्यगण केवल भोजन के समय पधारते है।
इससे साधारण सभा प्रारंभ करने में देरी होती है और ज्यादातर सदस्य वह जानकारी जो वो प्राप्त करना चाहते है। प्राप्त नही कर पाते है। यदि सदस्य महानुभव साधारण सभा में सुझाव या विचार रखना चाहते है तो साधरण सभा प्रारंभ होने के आधे घंटे पूर्व सचिव के.के.सिंह भाटी को मोबाईल न.9165385147 को अपना नाम नोट करा सकते है। आशा है कि अगली साधारण सभा में आपकी उपस्थिती समय पर होगी। आप ई मेल द्वारा भी सुझाव दे सकते हैं kksinghbhati17@gmail.com पर भेज सकते हैं।
2 होली मिलन समारोह:
2 अप्रेल 2000 से प्रारंभ की गई होली मिलन समारोह निरंतर 14 वर्षो से सफलतम रुप से संगठन की ओर से आयोजित किया जाता रहा है। उक्त आयोजन में महिलाओं की उपस्थिती तो रहती है परंतु पुरुष सदस्यों की उपस्थिती बहुत कम रहती हैं इस मिलन समारोह रखने के पीछे मुल उद्देश पुरे समाज को परिचित कराते हुऐ संगठित करना मुल उद्देश है। वर्ष 2010-11 में स्वेच्छिक सहयोग के आधार पर होली मिलन समारोह किया जाना प्रारंभ किया गया परंतु 14 अप्रैल 2011 इस स्वेच्छिक सहयोग के रुप में अपेक्षित सहयोग प्रदान नही किया गया और इस वर्ष सबसे अधिक घाटा इस कार्यक्रम में हुआ है। जिसके कारण पुनःप्रति परिवार सदस्य सहयोग राशि कलेक्शन की प्रणाली प्रारंभ की गई है।
3 प्रतिभा सम्मान:-
समाज के प्रतिभावन बच्चों को प्रोत्साहित करने का उद्देश से संगठन द्वारा प्रतिवर्ष होली मिलन समारोह के अवसर पर प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। कक्षा 5, 8, 10 व 12 परिक्षाओं में समस्त प्राप्त प्रविष्ठियों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रथम तीन बच्चों का सम्मान किया जाता है। कक्षा 10, 12 बोर्ड की परीक्षाओं में समाज की मेरीट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले एक एक बच्चे को 1000-1000 रुपये का नगद पुरस्कार प्रायोजक की ओर से दिया जाता है तथा 10 वीं 12 वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली लडकी को डॉ. के पी सिंह सिसौदिया द्वारा अपूर्वा सिसौदिया समृति पुरुस्कार नगद में प्रदान किया जाता है।
4 जनप्रतिनिधि सम्मान:
संगठन की ओर से होली मिलन समारोह के अवसर पर वर्ष भर के दोरान हुऐ निर्वाचन में जो समाज के जनप्रतिनिधि चूने जाते है। उनका सम्मान किया जाता हैं वर्ष 2010 में ग्राम पंचायत जनपद पंचायत व जिला पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान पद्मावती परिणय रिसोर्ट में किया गया है। वर्ष 2011 में नगर पालिका परिषद मंदसौर के निर्वाचन में पार्षद पद पर प्रीतिपालसिंह राणा व श्रीमति मीना कंवर डिकपालसिंह भाटी के चूने जाने पर समाज द्वारा सम्मान किया गया वर्ष 2013 के विधान सभा चुनाव में श्री यशपालसिंह सिसौदिया के विधायक चूने जाने पर सम्मान किया गया।
5. प्रताप जयंति:-
संस्था द्वारा अपने आदर्श के रुप में महाराणा प्रताप को चूना था। तथा संस्था के प्रतिक चिन्ह के रुप में घुडसवार योद्धा की मुद्रा में महाराणा प्रताप तथा ध्वज त्रिभुजाकार केसरीया को अपनाया गया है, प्रताप जयंति जो कि हिन्दू पंचांग ज्यैष्ट शुक्ल तृतीया को मनाया जाना तय किया गया तब से ही अपने आदर्श पुरुष महाराणा प्रताप की जयंति वर्ष 2000 से संस्था द्वारा निरंतर मनाई जाती रही है। प्रताप जयंति की पूर्व संध्या पर जिला राजपूत समाज संगठन मंदसौर की युवा ईकाई द्वारा प्रतिवर्ष वाहन रैली निकाली जाती है| मंदसौर नगर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थल से संगठन द्वारा एक चल समारोह प्रातः 8.30 बजे निकाला जाता है जो कि शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ पुनः प्रताप चौराहे पर सभा में परिवर्तित होता है। प्रताप जयंति के अवसर पर समाचार पत्र मोबाईल व्यक्तिगत सम्पर्क आमंत्रण पत्र आदि के माध्यम से सदस्यों को कार्यक्रम की रुप रेखा की आदि के माध्यम से देने का प्रयास किया जाता है। फिर भी हेा सकता है कूछ सदस्यों को व्यक्तिगत सूचना नही मिल पाती है, परंतू आप प्रतिवर्ष ज्यैष्ठ शुक्ल तृतिया को सुबह 8.30 बजे पारम्परिक वेशभुषा साफा लेकर महाराणा प्रताप चैराहे पर उपस्थित हो प्रतिमा स्थल पर साफा बांधने की व्यवस्था की जाती है। सभी सदस्य एवं समाजजन से संगठन की ओर अपील की जाती है कि वह प्रतिवर्ष अपने गांव से मोहल्ले परिचित एवं रिश्तेदारों को अधिक से अधिक संख्या में लेकर पधारे तथा कतारबद्ध पारंपारिक वेशभुषा में अनुशासित चल समारोह हमारी पहचान है। इसे बनाये रखने में हमारी मदद करें प्रजातंत्र में संख्या बल का महत्व होता है। उपस्थिती के आधार पर ही समाज की प्रभावशीलता का आंकलन होता है।
6.दशहरा मिलन समारोह:-
संगठन द्वारा साधारण सभा, प्रताप जयंति, होली मिलन समारोह, प्रतिभा सम्मान, व जनप्रतिनिधी सम्मान, के कार्यक्रम मार्च से लगाकर जून के मध्य तक होते हैं परंतू अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नही हेाने से वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा दशहरा व दिपावली के पश्चात मिलन समारोह आयोजीत किया जाना तय किया गया जो प्रतिवर्ष दशहरा व दिपावली के समय आयोजीत किया जाता हैं।
कार्यक्रम आपके लिये
सभी सम्मानित सदस्यों को कार्यकारिणी के नित्य प्रतिदिन के दैनिक कार्यो के अवसर पर सूचना देकर उन्हें बार बार बुलाना न तो व्यवहारिक है और न ही संभव है। इसलिये सम्मानित सदस्यों के लिये छः कार्यक्रम संगठन प्रतिवर्ष आयोजित करता है। दो मुख्य कार्यक्रम होते है। हेाली मिलन समारोह समाज का निजी कार्यक्रम होता हैं जिनमें किसी अतिथि को नही बुलाते हैं ओर न ही स्वागत सत्कार की परंपरा रखी गई है। जबकि प्रताप जयंति का कार्यक्रम सार्वजनिक रुप से किया जाता है इसलिये इस कार्यक्रम में अतिथि के साथ-साथ अन्य समाजजन को भी आमंत्रित किया जाता है।
1 साधारण सभा:-
वर्ष में एक बार होली मिलन समारोह के अवसर पर साधाारण सभा बुलाई जाती है।जिसमें वर्ष भर कार्यकारिणी द्वारा किये गये कार्यो का लेखा-जोखा एवं आय-व्यय का हिसाब प्रस्तुत किया जाता है। अगले वर्ष की क्या योजना है वह भी सदस्यों के सामने रखी जाती हैं। सदस्यों का सुझाव व विचार रखने का अवसर प्रदान करते हुए अगले वर्ष साधारण सभा में तय किये गये कार्यक्रम अनुसार पूरे करने का प्रयास किये जाते है।पिछले वर्षों का यह अनुभव रहा है कि ज्यादातर सदस्यगण केवल भोजन के समय पधारते है।
इससे साधारण सभा प्रारंभ करने में देरी होती है और ज्यादातर सदस्य वह जानकारी जो वो प्राप्त करना चाहते है। प्राप्त नही कर पाते है। यदि सदस्य महानुभव साधारण सभा में सुझाव या विचार रखना चाहते है तो साधरण सभा प्रारंभ होने के आधे घंटे पूर्व सचिव के.के.सिंह भाटी को मोबाईल न.9165385147 को अपना नाम नोट करा सकते है। आशा है कि अगली साधारण सभा में आपकी उपस्थिती समय पर होगी। आप ई मेल द्वारा भी सुझाव दे सकते हैं kksinghbhati17@gmail.com पर भेज सकते हैं।
2 होली मिलन समारोह:
2 अप्रेल 2000 से प्रारंभ की गई होली मिलन समारोह निरंतर 14 वर्षो से सफलतम रुप से संगठन की ओर से आयोजित किया जाता रहा है। उक्त आयोजन में महिलाओं की उपस्थिती तो रहती है परंतु पुरुष सदस्यों की उपस्थिती बहुत कम रहती हैं इस मिलन समारोह रखने के पीछे मुल उद्देश पुरे समाज को परिचित कराते हुऐ संगठित करना मुल उद्देश है। वर्ष 2010-11 में स्वेच्छिक सहयोग के आधार पर होली मिलन समारोह किया जाना प्रारंभ किया गया परंतु 14 अप्रैल 2011 इस स्वेच्छिक सहयोग के रुप में अपेक्षित सहयोग प्रदान नही किया गया और इस वर्ष सबसे अधिक घाटा इस कार्यक्रम में हुआ है। जिसके कारण पुनःप्रति परिवार सदस्य सहयोग राशि कलेक्शन की प्रणाली प्रारंभ की गई है।
3 प्रतिभा सम्मान:-
समाज के प्रतिभावन बच्चों को प्रोत्साहित करने का उद्देश से संगठन द्वारा प्रतिवर्ष होली मिलन समारोह के अवसर पर प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। कक्षा 5, 8, 10 व 12 परिक्षाओं में समस्त प्राप्त प्रविष्ठियों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले प्रथम तीन बच्चों का सम्मान किया जाता है। कक्षा 10, 12 बोर्ड की परीक्षाओं में समाज की मेरीट में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले एक एक बच्चे को 1000-1000 रुपये का नगद पुरस्कार प्रायोजक की ओर से दिया जाता है तथा 10 वीं 12 वीं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली लडकी को डॉ. के पी सिंह सिसौदिया द्वारा अपूर्वा सिसौदिया समृति पुरुस्कार नगद में प्रदान किया जाता है।
4 जनप्रतिनिधि सम्मान:
संगठन की ओर से होली मिलन समारोह के अवसर पर वर्ष भर के दोरान हुऐ निर्वाचन में जो समाज के जनप्रतिनिधि चूने जाते है। उनका सम्मान किया जाता हैं वर्ष 2010 में ग्राम पंचायत जनपद पंचायत व जिला पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान पद्मावती परिणय रिसोर्ट में किया गया है। वर्ष 2011 में नगर पालिका परिषद मंदसौर के निर्वाचन में पार्षद पद पर प्रीतिपालसिंह राणा व श्रीमति मीना कंवर डिकपालसिंह भाटी के चूने जाने पर समाज द्वारा सम्मान किया गया वर्ष 2013 के विधान सभा चुनाव में श्री यशपालसिंह सिसौदिया के विधायक चूने जाने पर सम्मान किया गया।
5. प्रताप जयंति:-
संस्था द्वारा अपने आदर्श के रुप में महाराणा प्रताप को चूना था। तथा संस्था के प्रतिक चिन्ह के रुप में घुडसवार योद्धा की मुद्रा में महाराणा प्रताप तथा ध्वज त्रिभुजाकार केसरीया को अपनाया गया है, प्रताप जयंति जो कि हिन्दू पंचांग ज्यैष्ट शुक्ल तृतीया को मनाया जाना तय किया गया तब से ही अपने आदर्श पुरुष महाराणा प्रताप की जयंति वर्ष 2000 से संस्था द्वारा निरंतर मनाई जाती रही है। प्रताप जयंति की पूर्व संध्या पर जिला राजपूत समाज संगठन मंदसौर की युवा ईकाई द्वारा प्रतिवर्ष वाहन रैली निकाली जाती है| मंदसौर नगर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थल से संगठन द्वारा एक चल समारोह प्रातः 8.30 बजे निकाला जाता है जो कि शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ पुनः प्रताप चौराहे पर सभा में परिवर्तित होता है। प्रताप जयंति के अवसर पर समाचार पत्र मोबाईल व्यक्तिगत सम्पर्क आमंत्रण पत्र आदि के माध्यम से सदस्यों को कार्यक्रम की रुप रेखा की आदि के माध्यम से देने का प्रयास किया जाता है। फिर भी हेा सकता है कूछ सदस्यों को व्यक्तिगत सूचना नही मिल पाती है, परंतू आप प्रतिवर्ष ज्यैष्ठ शुक्ल तृतिया को सुबह 8.30 बजे पारम्परिक वेशभुषा साफा लेकर महाराणा प्रताप चैराहे पर उपस्थित हो प्रतिमा स्थल पर साफा बांधने की व्यवस्था की जाती है। सभी सदस्य एवं समाजजन से संगठन की ओर अपील की जाती है कि वह प्रतिवर्ष अपने गांव से मोहल्ले परिचित एवं रिश्तेदारों को अधिक से अधिक संख्या में लेकर पधारे तथा कतारबद्ध पारंपारिक वेशभुषा में अनुशासित चल समारोह हमारी पहचान है। इसे बनाये रखने में हमारी मदद करें प्रजातंत्र में संख्या बल का महत्व होता है। उपस्थिती के आधार पर ही समाज की प्रभावशीलता का आंकलन होता है।
6.दशहरा मिलन समारोह:-
संगठन द्वारा साधारण सभा, प्रताप जयंति, होली मिलन समारोह, प्रतिभा सम्मान, व जनप्रतिनिधी सम्मान, के कार्यक्रम मार्च से लगाकर जून के मध्य तक होते हैं परंतू अक्टूबर से दिसम्बर के मध्य कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नही हेाने से वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा दशहरा व दिपावली के पश्चात मिलन समारोह आयोजीत किया जाना तय किया गया जो प्रतिवर्ष दशहरा व दिपावली के समय आयोजीत किया जाता हैं।
No comments:
Post a Comment